मुश्किलें आती यहाँ पर आम है
ज़िंदगी जीना इधर संग्राम है
....
ढूँढ़ते हम तो रहे तुम्हे सनम
ज़िंदगी की आ गई अब शाम है
…
रात भर जलता रहा दीपक यहाँ
भोर ने रौशन किया फिर धाम है
....
मिट चुके है प्यार में जब फ़ासले
मत लगाना तुम सजन इल्जाम है
....
जान अपनी वार दी हमने मगर
हम रहे फिर प्यार में नाकाम है
रेखा जोशी
ज़िंदगी जीना इधर संग्राम है
....
ढूँढ़ते हम तो रहे तुम्हे सनम
ज़िंदगी की आ गई अब शाम है
…
रात भर जलता रहा दीपक यहाँ
भोर ने रौशन किया फिर धाम है
....
मिट चुके है प्यार में जब फ़ासले
मत लगाना तुम सजन इल्जाम है
....
जान अपनी वार दी हमने मगर
हम रहे फिर प्यार में नाकाम है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment