सावन आया झूमता घिरी घटा घनघोर
है चहुँ ओर हरियाली बन में नाचे मोर
पेड़ों पे झूले पड़े पवन दे हिचकोले
आये न मोरे सजना रूठे है चितचोर
रेखा जोशी
है चहुँ ओर हरियाली बन में नाचे मोर
पेड़ों पे झूले पड़े पवन दे हिचकोले
आये न मोरे सजना रूठे है चितचोर
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment