Wednesday, 5 August 2015

हाथ तेरा थाम कर जब ज़िंदगी में हम चले

दिल हमारा  प्यार में दिलबर  चुराया आपने 
तीर दिल में आज साजन क्यों चुभाया आपने 
.... 
मिल गया जो साथ तेरा राह पर चलते हुये 
फूल राहों पर बिछा साजन रिझाया आपने 

उड़ रहे थे  आसमाँ पर प्यार में तेरे सजन 
चोट  देकर फिर ज़मीं पर क्यों गिराया आपने 
.... 
काश फिरसे वो ज़माना लौट आये अब सजन 
ज़िंदगी में जब हमें  अपना बनाया आपने 

हाथ तेरा थाम कर जब ज़िंदगी में हम चले 
प्यार का इक दीप साजन फिर जलाया आपने 

रेखा जोशी 

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