छाई बहार
मदमस्त पवन
गुंजित भौरा
बगिया गुलज़ार
छलकता खुमार
..................
खिलखिलाती
धूप मेरे आंगन
खुशियाँ लाई
देखें मनभावन
बाँवरे दो नयन
………………
झूला झूलती
अंगना मेरे आलि
छाई है मस्ती
बहारों का मौसम
महकता है मन
रेखा जोशी
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