Sunday, 9 August 2015

जल संरक्षण [व्यंग ]

पत्नी पति से बोली 
ऐ जी ज़रा सुनना
जल संकट है भारी 
ढंग से करना ज़रा 
तुम इस्तेमाल पानी 
पानी नहीं होगा जब 
नही बनेगा खाना तब 
भूखे पेट भजना तुम 
जय जय हे गोपाला 
पतिदेव बोले जानेजां 
मत करो तुम अपना
यूं ही हाल  बेहाल 
पानी का मै कर लूँगा 
सही ढंग से इस्तेमाल 
नहाता था हररोज़ मै 
फुव्वारे की फुहार से 
नहा लूंगा आज बस 
मै मग दो एक डाल 
पतिदेव बोले ''डार्लिंग ''
तुम न पानी बहाना 
न ही भोजन पकाना 
न तो घर में बनाना 
न बाहर से मँगवाना 
सेहत के लिए अच्छा 
होता उपवास होंना

रेखा जोशी 



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