Thursday, 19 March 2015

जी रहे थे भूल उन को ज़िंदगी में


आज उनकी याद फिर से आ गई  है 
क्यों हमेँ रह रह आज तड़पा  गई  है 
जी  रहे  थे  भूल उन  को  ज़िंदगी में
बात  क्या जो फिर हमें  रुला गई  है 

रेखा जोशी 

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