पराया था सजन अपना नहीं था
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था
. -
ज़ख्म खाये बहुत दिल ने हमारे
मिला जो दर्द वह सोचा नहीं था
.
नहीं दी चोट हमने तो किसी को
ज़फ़ा से हमारा नाता नहीं था
.
बहुत चाहा सजन हमने करें क्या
दिखाना प्यार भी आता नहीं था
.
चुरा कर दिल हमारा तुम किधर हो
तन्हा होंगे कभी सोचा नही था
.
रेखा जोशी
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था
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ज़ख्म खाये बहुत दिल ने हमारे
मिला जो दर्द वह सोचा नहीं था
.
नहीं दी चोट हमने तो किसी को
ज़फ़ा से हमारा नाता नहीं था
.
बहुत चाहा सजन हमने करें क्या
दिखाना प्यार भी आता नहीं था
.
चुरा कर दिल हमारा तुम किधर हो
तन्हा होंगे कभी सोचा नही था
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रेखा जोशी
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