महकती महकाती
सुरभि सुमन सी
फ़िज़ाओं में अपने
रंग बिखेरती
लहराती बलखाती
पवन के
हौले हौले झोंको सी
मधुरस घोलती
मेरे जीवन में
आती हो जब तुम
झंकृत हो उठते
दिल के तार
आ जाओ फिर से
निकल तस्वीर से
महका दो फिर से
मेरा अंगना
इक बार
रेखा जोशी
सुरभि सुमन सी
फ़िज़ाओं में अपने
रंग बिखेरती
लहराती बलखाती
पवन के
हौले हौले झोंको सी
मधुरस घोलती
मेरे जीवन में
आती हो जब तुम
झंकृत हो उठते
दिल के तार
आ जाओ फिर से
निकल तस्वीर से
महका दो फिर से
मेरा अंगना
इक बार
रेखा जोशी
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