बुरा न मानो होली है[लघु कथा ]
अनीश सुबह सुबह नहा धो कर सोफे पर बैठा ही था कि पीछे से उसकी भाभी ख़ुशी ने उस पर लाल गुलाल डाल कर उसे रंग से तरबतर कर दिया ,जब तक अनीश संभल पाता ,''बुरा न मानो होली है ''कह कर ख़ुशी वहाँ से भाग गई | भाभी की इस हरकत पर अनीश का गुस्सा सातवें आसमान को छूने लगा ,''इट इज़ नॉट फेयर ,भाभी ''कहते हुए वह ख़ुशी के पीछे भागा ,''अभी अभी तो मै नहा कर आया हूँ और आपने मुझ पर रंग डाल दिया ,अब मै आपको नही छोड़ूँ गा ,''| बाथरूम से पानी की भरी बाल्टी उठा कर उसने सारा पानी ख़ुशी पर उडेल दिया | घर के सभी सदस्य ठाहका मार कर हंसने लगे और कमरे में बिखरे हुए रंगों की महक से देवर और भाभी का प्यार भरा रिश्ता भी महक उठा |
रेखा जोशी
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