जान मेरी निकल रही होगी
.
चाह कर तुम चले गये साजन
ज़िंदगी आज खल रही होगी
..
थाम कर हाथ पास आ जाओ
ज़िंदगी अब मचल रही होगी
.
तड़पते हम रहे बहुत साजन
आँख तेरी सजल रही होगी
.
नीर साजन बहा लिये हमने
साँस तेरी विकल रही होगी
.
मिल गये आज तुम हमें साजन
प्रीत मेरी सफल रही होगी
रेखा जोशी
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थाम कर हाथ पास आ जाओ
ज़िंदगी अब मचल रही होगी
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तड़पते हम रहे बहुत साजन
आँख तेरी सजल रही होगी
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नीर साजन बहा लिये हमने
साँस तेरी विकल रही होगी
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मिल गये आज तुम हमें साजन
प्रीत मेरी सफल रही होगी
रेखा जोशी
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