मानस पट
…
यादें अमिट
बचपन हमारा
खुला पिटारा
…
स्मृति के साये
नहीं पीछा छोड़ते
नैन में छाये
…
याद तुम्हारी
हृदय में समाई
बनी कहानी
…
रेखा जोशी
टिमटिमाते रहें
यादों के दीये…
यादें अमिट
बचपन हमारा
खुला पिटारा
…
स्मृति के साये
नहीं पीछा छोड़ते
नैन में छाये
…
याद तुम्हारी
हृदय में समाई
बनी कहानी
…
रेखा जोशी
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