मन की आँखों को
खोल कर देखों
मंडरा रही आस पास तुम्हारे
रंग बिरंगी तितलियाँ
मत बांधों तुम अपने को
सफेद काले बंधन में
हैं बिखरे
इंद्रधनुष से रंग आस पास तुम्हारे
करते पुलकित तन मन
रंग जीवन में
सजा लो जीवन अपना
महका लो जीवन अपना
जीवंत कर लो ज़िंदगी
भर कर
रंग जीवन में
रेखा जोशी
खोल कर देखों
मंडरा रही आस पास तुम्हारे
रंग बिरंगी तितलियाँ
मत बांधों तुम अपने को
सफेद काले बंधन में
हैं बिखरे
इंद्रधनुष से रंग आस पास तुम्हारे
करते पुलकित तन मन
रंग जीवन में
सजा लो जीवन अपना
महका लो जीवन अपना
जीवंत कर लो ज़िंदगी
भर कर
रंग जीवन में
रेखा जोशी
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