चलो सखी चलें दूर हमें बुलाये नया जहान
चीर सीना पर्वतों का पुकारे खुला आसमान
उन्मुक्त भरते उड़ान जहाँ होकर बंधन मुक्त
मिलकर वहाँ हम रहेंगे होगा पूरा अरमान
रेखा जोशी
चीर सीना पर्वतों का पुकारे खुला आसमान
उन्मुक्त भरते उड़ान जहाँ होकर बंधन मुक्त
मिलकर वहाँ हम रहेंगे होगा पूरा अरमान
रेखा जोशी
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