1222 1222 1222 1222
शमा जलती रही महफ़िल सजाने आप आयें है
यहाँ अब रात में हमने सजन दीपक जलाये हैं
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चले आये हमारी आज महफ़िल में सनम फिर से
पिया आये हमारे घर सितारे जगमगायें है
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नही अब चाहिये दौलत ज़माने की हमें साजन
मिला जो साथ तेरा प्यार साजन गुनगुनाये है
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सदा रहना हमारी ज़िन्दगी को आप महका के
खिला कर फूल आंगन में नज़ारे मुस्कुराये है
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बहुत ही खूबसूरत है यहाँ पर ज़िन्दगी अपनी
चले आना सजन मौसम यहाँ हमको बुलायें है
रेखा जोशी
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सदा रहना हमारी ज़िन्दगी को आप महका के
खिला कर फूल आंगन में नज़ारे मुस्कुराये है
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बहुत ही खूबसूरत है यहाँ पर ज़िन्दगी अपनी
चले आना सजन मौसम यहाँ हमको बुलायें है
रेखा जोशी
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