Tuesday, 6 September 2016

दिल को थाम लो यारो तारों भरी शाम आई है

ऊँचे ऊँचे पेड़ों पर शब ने ली अंगड़ाई है,
दिल को थाम लो यारो  तारों भरी शाम आई है |
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है छन छन के आती  झुरमुट पेड़ों  से रौशनी
देख  हमें  आज तो  यहाँ  रौशनी  भी  शरमाई है
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बस आ जाओ तुम इस दिल को पहचानो सनम मेरे, 
सागर  की   लहरों  सी   गहराई  दिल  में  समाई  है । 
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हमने माना  आपकी  महफ़िल है बहुत  खूबसूरत
मस्ती के आलम में शहनाई ह्रदय  ने बजाई है। 
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इक परछाई है वहाँ पर मत जाना उधर तुम सजन 
धोखा हर  पल  दे  की  उसने  हम से   बेवफाई है । 
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अच्छा तो सनम हम चलते है जाने की घड़ी आई  ,
मत रोना जाने मन तुम पल दो पल की जुदाई है ।
रेखा जोशी 

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