पैसे का अपनी आँखों में लिये गरूर
रोज़ी रोटी की खातिर चले गये दूर
छोड़ गये वह माँ बाप को अकेले यहाँ
बच्चो की राह तकते नयन हुये मजबूर
रेखा जोशी
रोज़ी रोटी की खातिर चले गये दूर
छोड़ गये वह माँ बाप को अकेले यहाँ
बच्चो की राह तकते नयन हुये मजबूर
रेखा जोशी
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