बिन तेरे हमसे तो अब नही रहा जाता है
दर्द दिल का अब ज़ुबाँ से नहीं कहा जाता है
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या खुदा मेरी उल्फत को तुम जिंदगी दे दे
गम जुदाई का अब और नहीं सहा जाता है
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तडप तडप के गुज़ारी हमने हर घड़ी हर पल
वफा का दीपक अब जल जल के बुझा जाता है
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है इंतज़ार और अभी,और अभी और अभी
पैमाना ऐ सब्र यहाँ लब से छुटा जाता है
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रात में यह दिल अब यहाँ तन्हां डूब जाता है
मायूसियों के आलम में दम घुटा जाता है
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रेखा जोशी
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