क्या रोशन करेंगे धरती को चाँद और तारे
फिरते है इस जहाँ में दीन दुखी मारे मारे
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
गले अपने लगा कर दे दो तुम उनको सहारे
रेखा जोशी
फिरते है इस जहाँ में दीन दुखी मारे मारे
है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
गले अपने लगा कर दे दो तुम उनको सहारे
रेखा जोशी
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