ढूँढा हर गली प्रेम भरी महफ़िल नहीं मिली
यूँ तो लाखों मिले तुम सी स्नेहिल नहीं मिली
डगर डगर डोलते रहे नहीं मिले तुम हमे
है राहें बहुत मिली मगर मंज़िल नहीं मिली
रेखा जोशी
यूँ तो लाखों मिले तुम सी स्नेहिल नहीं मिली
डगर डगर डोलते रहे नहीं मिले तुम हमे
है राहें बहुत मिली मगर मंज़िल नहीं मिली
रेखा जोशी
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