Wednesday, 21 September 2016
खिले रूप सौन्दर्य [हाइकु ]
इत्र भक्ति का
महकता जगत
मन हर्षाता
......
इत्र लगायें
खिले रूप सौन्दर्य
मन को भाये
........
खिले सुमन
महकती बगिया
घर आंगन
.....
मन मंदिर
पूजा करते हम
झांके भीतर
रेखा जोशी
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