नहीं अब जहां में खुशी आज क्यूँ है
जहर जिंदगी ये बनी आज क्यूँ है
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हमे ज़िन्दगी से गिला है न शिकवा
मगर दर्द से यह भरी आज क्यूँ है
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बिखर टूट जाये न सोचा न चाहा
यहाँ ज़िन्दगी रो रही आज क्यूँ है
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पुकारे किसे हम बुलायें किसे अब
यहाँ रो रही हर कली आज क्यूँ है
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पिया घूँट हमने ज़हर से भरा अब
यहाँ मौत आती नहीं आज क्यूँ है
रेखा जोशी
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हमे ज़िन्दगी से गिला है न शिकवा
मगर दर्द से यह भरी आज क्यूँ है
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बिखर टूट जाये न सोचा न चाहा
यहाँ ज़िन्दगी रो रही आज क्यूँ है
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पुकारे किसे हम बुलायें किसे अब
यहाँ रो रही हर कली आज क्यूँ है
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पिया घूँट हमने ज़हर से भरा अब
यहाँ मौत आती नहीं आज क्यूँ है
रेखा जोशी
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