कहाँ ज़िन्दगी तुम चली हो बुलाकर
नहीं हम करेंगे गिला दिल दुखा कर
....
दिखाते नहीं हाल दिल का किसी को
सुनायें किसे बात अपनी बता कर
......
खिले फूल उपवन सजा आज अँगना
गई ले सजन रंग तितली चुरा कर
....
चली है हवा आज मौसम सुहाना
कहाँ ले गई साथ आंधी उड़ा कर
...
हमें छोड़ जाना नहीं तोड़ना दिल
न तुम रूठना प्यार अपना दिखा कर
रेखा जोशी
नहीं हम करेंगे गिला दिल दुखा कर
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दिखाते नहीं हाल दिल का किसी को
सुनायें किसे बात अपनी बता कर
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खिले फूल उपवन सजा आज अँगना
गई ले सजन रंग तितली चुरा कर
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चली है हवा आज मौसम सुहाना
कहाँ ले गई साथ आंधी उड़ा कर
...
हमें छोड़ जाना नहीं तोड़ना दिल
न तुम रूठना प्यार अपना दिखा कर
रेखा जोशी
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