महालक्ष्मी 'मापनीयुक्त वर्णिक छंद
212 212 212
साथ तेरा मिला जो पिया
आज लागे नहीं है जिया
पास आओ हमारे अभी
काश आ के न जाओ कभी
....
देख के रूप तेरा पिया
चाँद भी आज शर्मा गया
रात को रौशनी है मिली
मीत मै संग तेरे चली
....
है ख़ुशी आज गाते रहें
ज़िन्दगी जाम पीते रहें
प्रीत को तोड़ जाना नही
छोड़ना साथ आता नही
.....
प्रीत दोनों निभाते रहें
मीत यूँ गीत गाते रहें
साथ तेरा मिला ज़िन्दगी
प्रीत पाई यहाँ ज़िन्दगी
रेखा जोशी
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