Thursday, 9 February 2017

है आस लगाये बैठे हम


किया  इंतज़ार  पिया  बरसों ,नहीं  तुमको अब खोना  है
जीवन  बसन्ती  पीली  सरसों, बीज खुशियों का बोना है
है   आस   लगाये  बैठे  हम ,  फूल   बिछा  तेरी  राह  में
आज नहीं तो कल या परसों, मिलन तो इक दिन होना है
         
रेखा जोशी

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