किया इंतज़ार पिया बरसों ,नहीं तुमको अब खोना है जीवन बसन्ती पीली सरसों, बीज खुशियों का बोना है है आस लगाये बैठे हम , फूल बिछा तेरी राह में आज नहीं तो कल या परसों, मिलन तो इक दिन होना है रेखा जोशी
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