आ गई बहार जो आये हो तुम
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
फूलों पर भंवरे भी लगे मंडराने
महकने लगा अब आलम सब ओर
तरसती थी निगाहें तुम्हे देखने को
भूल गये अचानक वो रस्ता इधर का
मुद्दते हो चुकी थी देखे हुए उनको
भर दी खुशियों से आज झोली उसी ने
महकती रहे बगिया मेरे आंगन की
खुशिया ही खुशिया बनी रहे दिल में
आ गई बहार जो आये हो तुम
चहकने लगी बुलबुल अब दिल की
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