Friday, 3 February 2017

देना सदा हमें तुम अपना यूँही सहारा


आधार छंद - दिगपाल
221 2122 , 221 2122
समांत- आरा, अपदांत 

यह ज़िन्दगी हमारी करती यही इशारा
आओ चलें जहां से हम तुम करें किनारा
,
अब साथ साथ हम तुम चलते रहें हमेशा
मिलता रहे हमें सजना यह संग  तुम्हारा
,
तुम प्यार ज़िन्दगी में लाते रहे हमारे
देना सदा हमें तुम अपना यूँही सहारा
,
यह चांदनी पुकारे आओ चलें सजन हम
आओ चलें जहाँ पर मिलते जमीं सितारा
,
अब थाम हाथ दोनों मिल गीत गुनगुनाएं 
कैसे कहें सजन दिल बस में नहीं हमारा

रेखा जोशी

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