Saturday, 25 February 2017

कन्या पूजन

संवाद ,नारी

शीर्षक  कन्या पूजन
कलाकार
सास
शिखा
राजू(शिखा का पति)

स्टेज पर सास का प्रवेश
सास ,शिखा कहाँ हो तुम,जल्दी आओ हमें अभी जाना है
शिखा  का स्टेज पर आना
शिखा (तौलये से हाथ साफ़ करते हुए)
क्या है माँ ,कहाँ जाना है?
सास ,डॉक्टरनी के पास ,पता है वो मंदिर वाले पंडित जी के पास गई थी   कुंडली लेकर ,पता है उन्होंने कुंडली देखा कर क्या बताया
शिखा ,क्या?
सास,अरे पगली ,उन्होंने कहा था कि मै अगर नवरात्रि में पूरे नौ दिन तक  उपवास करूँ और हर रोज नौ कन्या की पूजा करूँ तो मेरे मन की मुराद अवश्य पूरी होगी ,बस अभी मैं उद्यापन कर के आई हूं।
शिखा,(आश्चर्य से ) पर आप तो डॉक्टरनी के पास जाने को कह रही हो
सास ,ओफ़ हो ,तुम तो  मेरे मन की बात भी नहीं समझती,कैसी मोटी बुद्धि
से पाला पड़ गया
सास , मै तो बस मरने से पहले अपने पोते का मुहँ देखना चाहती हूँ और कुछ नही चाहिए मुझे ,देख लेना की बार तेरे बेटा ही होगा ,चल अब जल्दी ,बतियाती ही रहे गी क्या ,?
राजू का प्रवेश
राजू ,माँ ओ माँ क्या बताया डाक्टरनी ने ?
सास का प्रवेश ,मुहँ लटका हुआ और बहुत उदास
सास ,बेटा हमारे तो भाग ही फूटे हैं ,लड़की है ससुरी के पेट में ,अबके न आने देंगे इसे ,मैने  डाक्टरनी से बात कर ली है ,बेटाा कल ही सफाई करवा देते है
राजू ,है माँ यह ठीक रहेगा
शिखा का प्रवेश
शिखा ,यह तुम क्या कह रहे हो राजू,माँ तो नासमझ है और तुम पढ़लिख कर भी ....
राजू ,देखो शिखा माँ ठीक कह रही है ,मुझे भी बेटा ही चाहिए,तुम कल माँ के साथ  लेडी डॉक्टर के पास चली जाना
शिखा ,लेकिन राजू मेरे पेट में तुम्हारा अंश है ,नहीं मैं इसे जन्म दूँगी
सास ,चुप रह नासपीटी ,बहुत बोल लिया तुमने ,कह दिया न चल जाना है तो जाना है ,एक शब्द भी और नहीं
शिखा ,माँ तुम कैसी बात कर रही हो ,एक तरफ तो तुमने पूरे नवरात्रे देवी माँ के लिए उपवास किया ,हर रोज़ नौ कन्याओं का पूजन किया और जब देवी माँ कन्या के रूप में हमारे घर आना चाह रही है तो तुम उसे मार कर क्यों पाप करना चाहती हो

सास और राजू दोनों शिखा की तरफ हैरानी से देखते है

शिखा ,नही मै यह अपराध नहीं करूंगी और न ही किसी और को इस पाप की भागीदार बनने दूँगी ,हमारी बेटी इस दुनिया में आएगी और अवश्य आएगी
सास से,क्यों माँ बोलो अब ,जिस देवी माँ की तुमने पूजा की हैवह अब तरे पास आ रही है तो  क्या तुम देवी माँ का गला घोंट दोगी
सास ,अरे शिखा बेटा ,तुम सच कह रही हो  मै यह कैसा  पाप करने जा रही थी ,मुझे माफ कर दो, तुमने तो मेरी आँखे खोल दी ,हम अपनी बेटी को बेटे जैसे पालेंगे उसे खूब पढ़ाएंगे ,डाक्टरनी बनाएंगे
राजू ,हां माँ शिखा ठीक कह रही है

सभी, बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ

रेखा जोशी

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