हर घड़ी ज़िंदगी की चहकने लगी
ज़िंदगी अब हमारी सँवरने लगी
...
खूबसूरत सजी वादियाँ अब यहाँ
अब बहारें यहाँ पर महकने लगी
...
झुक गई डालियाँ पुष्प खिलने लगे
अब उमंगें यहाँ पर उछलने लगी
....
खिल गये खूबसूरत नज़ारे यहाँ
अब हवायें यहाँ पर मचलने लगी
…
देख तुम को सजन चाँद शरमा गया
चाँद की चाँदनी भी चमकने लगी
रेखा जोशी
ज़िंदगी अब हमारी सँवरने लगी
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खूबसूरत सजी वादियाँ अब यहाँ
अब बहारें यहाँ पर महकने लगी
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झुक गई डालियाँ पुष्प खिलने लगे
अब उमंगें यहाँ पर उछलने लगी
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खिल गये खूबसूरत नज़ारे यहाँ
अब हवायें यहाँ पर मचलने लगी
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देख तुम को सजन चाँद शरमा गया
चाँद की चाँदनी भी चमकने लगी
रेखा जोशी
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