Saturday, 12 September 2015

गैरों की क्या कहें जब अपने हुये पराये

दिल के जज़्बात अपनी  भीगी पलके छिपायें 
हाल ऐ दिल अपना   किसी  को  कैसे दिखायें 
न  दोगे  दगा   कभी  माना सदा तुम्हे अपना
गैरों  की  क्या  कहें  जब अपने    हुये   पराये

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment