भोर होते ही
छुप जायेगा
वह चमकीला सितारा
आसमान का
लीन हो जायेगा
सूरज की सुनहरी किरणों में
किस जीत का मना रहे जश्न
और रो रहे किस हार पर तुम
बसंत की मनाते ख़ुशी या
पतझड़ का मनाते शोक
रात दिन सुख दुःख तो
है जीवन का चक्र
है गुज़रना इस क्रम से
आशा और निराशा को
आओ करें स्वागत
आशा और निराशा का
इस रंग बिरंगे
जीवन में
रेखा जोशी
छुप जायेगा
वह चमकीला सितारा
आसमान का
लीन हो जायेगा
सूरज की सुनहरी किरणों में
किस जीत का मना रहे जश्न
और रो रहे किस हार पर तुम
बसंत की मनाते ख़ुशी या
पतझड़ का मनाते शोक
रात दिन सुख दुःख तो
है जीवन का चक्र
है गुज़रना इस क्रम से
आशा और निराशा को
आओ करें स्वागत
आशा और निराशा का
इस रंग बिरंगे
जीवन में
रेखा जोशी
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