Saturday, 12 September 2015

शमा जलती रही महफ़िल सजाने वोह आयें है

शमा  जलती  रही  महफ़िल  सजाने  वोह आयें  है 
यहाँ  अब  रात  में  किसने सजन दीपक जलाये हैं 
चले  आये  हमारी आज महफ़िल में सनम फिर से 
बड़ी  मुश्किल से प्रियतम आज घर वापिस आयें है

रेखा जोशी 

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