ज़िंदगी की शाम अब साजन महकनी चाहिये
साज़ पर इक प्यार की धुन भी मचलनी चाहिये
जोश भर कर ज़िंदगी का अब मज़ा ले लो सजन
साथ लहरें भी नदी की अब उछलनी चाहिये
रेखा जोशी
साज़ पर इक प्यार की धुन भी मचलनी चाहिये
जोश भर कर ज़िंदगी का अब मज़ा ले लो सजन
साथ लहरें भी नदी की अब उछलनी चाहिये
रेखा जोशी
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