जग भागे दौलत के पीछे देख हास कर रहा हूँ
रिश्ते नाते छोड़ पीछे देख परिहास कर रहा हूँ
लिप्त हुआ देख पाप की दलदल में सारा संसार
देख दीवानगी दुनिया की अट्टहास कर रहा हूँ
रेखा जोशी
रिश्ते नाते छोड़ पीछे देख परिहास कर रहा हूँ
लिप्त हुआ देख पाप की दलदल में सारा संसार
देख दीवानगी दुनिया की अट्टहास कर रहा हूँ
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment