कुहकती कोयलिया गीत मधुर वह गाती जाये
शीतल पवन गोरी की चुनरी लहराती जाये
महक रहा पुष्पित उपवन फूलों की डालियों से
मिलने असीम सागर से नदी बलखाती जाये
रेखा जोशी
शीतल पवन गोरी की चुनरी लहराती जाये
महक रहा पुष्पित उपवन फूलों की डालियों से
मिलने असीम सागर से नदी बलखाती जाये
रेखा जोशी
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