Saturday, 6 February 2016

गीतिका


ज़मीं से पकड़ आसमां ले गया 
मुक्क़दर  कहाँ से कहाँ ले गया 
.... 
खिली है चमन में बहारें यहाँ 
ख़ुशी है जिधर वह  वहाँ ले गया 
.....
नशा आज छाया था कुछ इस तरह
चले हाथ थामे जहाँ ले गया 
.... 
जला कर हमारा जहाँ  चल दिये 
मिटा प्यार के सब निशाँ ले गया 
… 
नहीं कोई ' मेरा यहाँ क्या करे 
सजन साथ में कहकशाँ ले गया 

रेखा जोशी 


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