नीर अनमोल मटकी सर पग भरती जाऊँ
सखी न संगी भरी दोपहर तपती जाऊँ
है लम्बा सफर और जाना दूर बहुत मुझे
भीषण गर्मी बालूकूट पर चलती जाऊँ
रेखा जोशी
सखी न संगी भरी दोपहर तपती जाऊँ
है लम्बा सफर और जाना दूर बहुत मुझे
भीषण गर्मी बालूकूट पर चलती जाऊँ
रेखा जोशी
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