Monday, 15 February 2016

बयार चलती मस्त साँस में घुलती जाये


छंद 
बयार  चलती  मस्त साँस में घुलती जाये
धड़के मोरा जिया , आज घर साजन  आये 
खिलते बगिया सुमन छटा अब उपवन  छाई
अँगना आये पिया  ख़ुशी घर  मोरे  आई 

मुक्तक 
बयार  चलती  मस्त साँस में घुलती जाये
धड़के मोरा जिया , आज घर साजन  आये 
खिलते बगिया सुमन छटा अब उपवन  छाई 
अँगना आये पिया  संग वो खुशियाँ लाये 

रेखा जोशी 

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