Monday, 8 February 2016

मुस्कुराती बहारें खिली अब यहाँ

.प्यार की महक छाने लगी अब यहाँ 
गुनगुनाती खुशियाँ  मिली अब यहाँ  
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हाथ थामें पिया का चले  जा रहे 
रात बगिया रही महकती अब यहाँ 
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ज़िंदगी गा रही प्यार के गीत अब 
मुस्कुराती बहारें खिली  अब  यहाँ 
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दीप अब जगमगाने लगे इस राह 
आज  रोशन हुई ज़िंदगी अब यहाँ 
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 छोड़ कर आज दामन न जाना सजन 
प्यार में ज़िंदगी बहकती अब यहाँ  

रेखा जोशी 

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