प्रियतम
आओ चलें हम
मुहब्बत की
खूबसूरत राहों पर
देखो वह
बाहें फैलाये हमे
है बुला रही
और हम उन पर
चलते ही रहें निरंतर
दुनिया से दूर
खोये रहे हम
इक दूजे में सदा
ज़िंदगी भर
थामें इक दूजे का हाथ
कदम से कदम मिला कर
चलते ही रहें निरंतर
भूल कर
दुनिया के सारे गम
बस मै और तुम
निभाते रहें साथ
मंजिल मिले न मिले
है कोई नही गम
बस रहें महकती सदा
प्रेम की राहें
और हम
चलते ही रहें निरंतर
रेखा जोशी
आओ चलें हम
मुहब्बत की
खूबसूरत राहों पर
देखो वह
बाहें फैलाये हमे
है बुला रही
और हम उन पर
चलते ही रहें निरंतर
दुनिया से दूर
खोये रहे हम
इक दूजे में सदा
ज़िंदगी भर
थामें इक दूजे का हाथ
कदम से कदम मिला कर
चलते ही रहें निरंतर
भूल कर
दुनिया के सारे गम
बस मै और तुम
निभाते रहें साथ
मंजिल मिले न मिले
है कोई नही गम
बस रहें महकती सदा
प्रेम की राहें
और हम
चलते ही रहें निरंतर
रेखा जोशी
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