मुस्कुराती रही कलियाँ खिलते रहे फूल
गुनगुनाते रहे भँवरे रास्ता गये भूल
उपवन मे मँडराते फूलों के आस पास
भूल गये पगले फूलों संग रहते शूल
रेखा जोशी
गुनगुनाते रहे भँवरे रास्ता गये भूल
उपवन मे मँडराते फूलों के आस पास
भूल गये पगले फूलों संग रहते शूल
रेखा जोशी
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