Tuesday, 2 February 2016
है बगिया वीरान बिन तेरे अब पिया
पुष्प को बगिया में खिलने की आस है
बसंत भी तो पतझड़ के आस पास है
है बगिया वीरान बिन तेरे अब पिया
धीरज रख पास ही तो अब मधुमास है
रेखा जोशी
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