स्वर्णिम हुई अवनी सुहानी भोर आई
चहुँ ओर पुष्पित उपवन ने महक बिखराई
अरुण की लालिमा से जगमगाया अंबर
स्फुरित हुआ तन मन उषा ने ली अँगड़ाईं
रेखा जोशी
चहुँ ओर पुष्पित उपवन ने महक बिखराई
अरुण की लालिमा से जगमगाया अंबर
स्फुरित हुआ तन मन उषा ने ली अँगड़ाईं
रेखा जोशी
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