कैसा यह उपहार ज़िंदगी ?
किसका यह प्रतिकार ज़िन्दगी
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तिल-तिल गलती रही जन्म से,
जन्मजात बीमार ज़िन्दगी
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दिल से देखो इस जीवन को
रिश्ते है आधार ज़िन्दगी
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कैसे बीते दिन रोते अब
आँसू की बौछार ज़िन्दगी
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लेना देना है यह जीवन
कैसी यह व्यापार ज़िन्दगी
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देखा जी भर दुनिया को अब
चलते हम उसपार ज़िन्दगी
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जीना सीखा हमने साजन
है तेरा आभार ज़िन्दगी
रेखा जोशी
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कैसे बीते दिन रोते अब
आँसू की बौछार ज़िन्दगी
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लेना देना है यह जीवन
कैसी यह व्यापार ज़िन्दगी
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देखा जी भर दुनिया को अब
चलते हम उसपार ज़िन्दगी
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जीना सीखा हमने साजन
है तेरा आभार ज़िन्दगी
रेखा जोशी
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