ज़िन्दगी जीना यहाँ नाकाम है
पीजिए तो ज़िन्दगी इक जाम है
…
राह में देती बहुत गम ज़िन्दगी
दीजिये सुन्दर इसे अंजाम है
....
देख मन की आँख से तू ज़िन्दगी
बस रहे घट घट यहाँ पर राम है
…
चाह तेरी खींच लाई है हमें
अब मिला हम को यहाँ पर काम है
…
ज़िन्दगी में प्यार से मिल कर रहें
यह हमें रब ने दिया पैगाम है
रेखा जोशी
पीजिए तो ज़िन्दगी इक जाम है
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राह में देती बहुत गम ज़िन्दगी
दीजिये सुन्दर इसे अंजाम है
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देख मन की आँख से तू ज़िन्दगी
बस रहे घट घट यहाँ पर राम है
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चाह तेरी खींच लाई है हमें
अब मिला हम को यहाँ पर काम है
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ज़िन्दगी में प्यार से मिल कर रहें
यह हमें रब ने दिया पैगाम है
रेखा जोशी
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