Saturday, 11 July 2015

भीगी आँखें अब तलाश रही है तुम्हें

बिन तुम्हारे  हमारा दिल बेकरार  है
जाने  क्यूँ   फिर  भी तेरा इंतज़ार है
भीगी  आँखें अब तलाश रही है तुम्हें
करते  नयन  दीदार   का  इंतज़ार है 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment