Tuesday 14 July 2015

आँखों से झलकता नेह

धुले सफेद बाल
चेहरे पर झुरियाँ
आँखों से झलकता नेह
है जिस्म से भले लाचार
रखते इरादों में दम
हौंसला उनसे सदा मिले
ज़िंदगी लुटा दी उन्होंने
हम पर
ज़िंदगी के इस मोड़ पर
है  सम्मान के हक़दार
बदकिस्मत है वोह
जो पाते नहीं
उनका प्यार

रेखा जोशी

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