Sunday, 21 December 2014

खूबसूरत [लघु कथा ]

शन्नो की सगी बहन मन्नु लेकिन शक्ल सूरत में जमीन आसमान का अंतर ,शन्नो गोरी तो मन्नु साँवली ,शन्नो खूबसूरत तो मन्नु बदसूरत ,बेचारी मन्नु  को अपने  रंग रूप के कारण जहाँ अपने माता पिता की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता था वहीँ उनके माता पिता  हर काम के लिए शन्नो से ही अपेक्षा करते थे |शन्नो  को अपनी सुंदरता का बहुत अभिमान था और  मन्नु नम्र स्वभाव की थी । एक दिन दुर्भाग्यवश उनकी माँ  बहुत बीमार पड़ गई ,मन्नु ने  शालीनता से माँ की सेवा के साथ साथ घर का बोझ भी अपने कंधों पर ले लिया जबकि उसकी नकचढ़ी बहन किसी भी काम में उसका हाथ नही बंटाती थी |धीरे धीरे मन्नु की मेहनत रंग ले आई और उसकी माँ के स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो गया,अपनी बेटी को  इतना काम करते देख उसके माँ बाप की आँखों में आँसू  आ गये ,उन्होंने उसे गले लगा लिया ,वह जान चुके थे असली खूबसूरती तो मन की होती है |

रेखा जोशी 

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