समुद्र तट पर
चल रहे किनारे किनारे
गरज रहा सागर
और
मचा रही शोर
साहिल पर
आती जाती लहरे
बदल रही पल पल
समय की धार
सूरज रहा चूम
सागर का आंचल
चमक रहा सिंदूरी रंग
आसमां भरा गुलाल
और
बदल रही पल पल
समय की धार
चलता रहा जीवन
ढलती रही शाम
फिर होगी सुबह
होगा नव नाम
खिलते रहेंगे फूल
महकता रहेगा उपवन
आती रहेगी बहार
बदल रही पल पल
समय की धार
रेखा जोशी
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