जीवन के दिन चार यह दुनिया एक छलावा
मुखौटा लगा कर कपटी करना न दिखावा
जैसा तुम करोगे वैसा ही तो भरोगे
फल मिलता कर्मो का काहे करे पछतावा
रेखा जोशी
मुखौटा लगा कर कपटी करना न दिखावा
जैसा तुम करोगे वैसा ही तो भरोगे
फल मिलता कर्मो का काहे करे पछतावा
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment