Tuesday, 16 December 2014

खत्म कर दिये घरों के चिराग

दर्द का एहसास वो क्या जाने
पत्थर सीने में वो क्या जाने
खत्म कर दिये घरों के चिराग 
बरस रहे आँसू वो क्या जाने
रेखा जोशी

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